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PM Shram Yogi Mandhan Yojana 2024: वृद्धावस्था सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल
परिचय
भारत जैसे विकासशील देश में, असंगठित क्षेत्र के श्रमिक देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इनमें कृषि मजदूर, निर्माण कार्यकर्ता, घरेलू कामगार, रिक्शा चालक, मछुआरे, बुनकर, ईंट भट्टा कार्यकर्ता, सफाई कर्मी आदि शामिल हैं। इन श्रमिकों के पास सामाजिक सुरक्षा का कोई ठोस आधार नहीं होता है, और वृद्धावस्था में ये आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हैं। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) ऐसे श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से सरकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में 3000 रुपये मासिक पेंशन प्रदान करती है।
योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना का लक्ष्य उन श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाना है जो जीवन के इस पड़ाव पर आर्थिक रूप से असुरक्षित होते हैं। इस योजना से श्रमिकों को अपने बुढ़ापे में दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जिससे वे आत्मसम्मान के साथ जीवन जी सकेंगे।
प्रधानमंत्री मानधन योजनाएं
भारत सरकार ने तीन पेंशन योजनाएं शुरू की हैं, जो नीचे दी गई हैं। इन योजनाओं का नामांकन एजेंसी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC eGovernance Services India Ltd.-CSC SPV) है, और LIC पेंशन फंड प्रबंधक है और पेंशन भुगतान के लिए जिम्मेदार है।
क्र.सं. | योजना का नाम | लॉन्च की तारीख | नोडल मंत्रालय |
---|---|---|---|
1 | प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PMSYM) | 5/3/2019 | श्रम और रोजगार मंत्रालय |
2 | प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना (राष्ट्रीय पेंशन योजना व्यापारियों और स्वरोजगारियों के लिए) (PMLVM) | 12/9/2019 | श्रम और रोजगार मंत्रालय |
3 | प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY) | 12/9/2019 | कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय |
पात्रता मानदंड
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं। ये मानदंड इस प्रकार हैं:
- आयु सीमा: आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आय: मासिक आय 15,000 रुपये या उससे कम होनी चाहिए।
- अन्य योजनाओं से आवरण: लाभार्थी NPS, ESIC या EPF का सदस्य नहीं होना चाहिए।
- आयकरदाता: आवेदक आयकरदाता नहीं होना चाहिए।
- श्रमिक कार्ड: आवेदक के पास वैध श्रमिक कार्ड होना चाहिए।
लक्षित समूह
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का लाभ उन श्रमिकों को दिया जाता है जो असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं। निम्नलिखित श्रमिक समूह इस योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं:
- छोटे और सीमांत किसान
- भूमिहीन खेतिहर मजदूर
- मछुआरे
- पशुपालक
- ईंट भट्टा और पत्थर खदानों में कार्यरत श्रमिक
- निर्माण कार्य करने वाले श्रमिक
- चमड़े के कारीगर
- बुनकर
- सफाई कर्मी
- घरेलू कामगार
- सब्जी और फल विक्रेता
- प्रवासी मजदूर
योजनाओं की विशेषताएं
- सामान्य पात्रता शर्तें:
- योजना में शामिल होने के लिए आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आयकरदाता नहीं होना चाहिए।
- NPS, ESI, या EPF के तहत कवरेज नहीं होना चाहिए।
- सदस्यों की मासिक सदस्यता: 55 रुपये से 200 रुपये के बीच होगी।
- योगदान की अवधि: सदस्य को 60 वर्ष की आयु तक योजना में शामिल होने के बाद नियमित रूप से योगदान करना होगा।
- सरकार का योगदान: भारत सरकार सदस्य के योगदान के बराबर राशि का योगदान करेगी।
- पेंशन लाभ: 60 वर्ष की आयु के बाद लाभार्थी 3000 रुपये की मासिक पेंशन प्राप्त करने के पात्र होंगे। पेंशन प्राप्ति के दौरान, यदि सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उसके पति/पत्नी को पारिवारिक पेंशन के रूप में ऐसे पात्र सदस्य द्वारा प्राप्त पेंशन का पचास प्रतिशत प्राप्त करने का हक होगा।
- खाता प्रबंधन: सदस्य योगदान और सरकारी योगदान का सदस्य-वार खाता रखा जाता है।
- डिफ़ॉल्ट पर पुनःसक्रियता: यदि सदस्य एक वर्ष तक योगदान नहीं कर पाता है, तो वह ब्याज के साथ बकाया राशि का भुगतान करके योजना जारी रख सकता है।
- संचार: विभिन्न चरणों में ग्राहकों को 15 प्रकार के एसएमएस भेजे जाते हैं।
- स्वैच्छिक निकासी: सदस्य योजना में शामिल होने के तीन वर्ष बाद स्वैच्छिक रूप से बाहर निकल सकते हैं।
- मृत्यु पर विकल्प: पेंशन शुरू होने से पहले सदस्य की मृत्यु होने पर, पति/पत्नी के पास दो विकल्प हैं:
- नियमित योगदान के माध्यम से योजना जारी रखें, या
- योजना से बाहर निकलें और राशि वापस लें।
लक्षित समूह (स्वघोषणा के आधार पर)
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना: उन असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए, जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये से कम है। इनमें घरेलू कामगार, सड़क विक्रेता, मिड-डे मील कार्यकर्ता, हेड लोडर्स, ईंट भट्टा कार्यकर्ता, मोची, रद्दी चुनने वाले, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन मजदूर, कृषि श्रमिक, निर्माण श्रमिक, बीड़ी श्रमिक, हथकरघा श्रमिक, चमड़ा श्रमिक, ऑडियो-विजुअल श्रमिक और इसी प्रकार के अन्य व्यवसायों में लगे श्रमिक शामिल हैं।
- प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना (राष्ट्रीय पेंशन योजना व्यापारियों और स्वरोजगारियों के लिए): लघु व्यापारी जिनका वार्षिक कारोबार 1.50 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। लघु व्यापारी का अर्थ है स्व-नियोजित और दुकानदार, खुदरा व्यापारी, चावल मिल मालिक, तेल मिल मालिक, कार्यशाला मालिक, कमीशन एजेंट, रियल एस्टेट दलाल, छोटे होटलों, रेस्तरां और अन्य लघु व्यापारियों के मालिक।
- प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना: छोटे और सीमांत किसान जो संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के भूमि रिकॉर्ड के अनुसार 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि के मालिक हैं।
आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल और सीधी है। श्रमिकों को नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आवेदन करना होगा। वहां उन्हें योजना से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे और आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन के पश्चात् आवेदक को एक पावती पर्ची प्राप्त होगी जिसमें उसकी सदस्यता संख्या अंकित होगी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना उन्हें वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहायता करती है। इस योजना के माध्यम से श्रमिकों को न केवल पेंशन का लाभ मिलता है, बल्कि वे आत्मसम्मान के साथ जीवन जी सकते हैं। इस योजना से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का एक मजबूत आधार मिलता है, जो देश की अर्थव्यवस्था में उनकी भागीदारी को और अधिक मजबूत बनाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना क्या है?
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जो उन्हें वृद्धावस्था में 3000 रुपये की मासिक पेंशन प्रदान करती है।
2. इस योजना के लिए पात्रता क्या है?
इस योजना के लिए पात्रता निम्नलिखित है:
- आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- मासिक आय 15,000 रुपये या उससे कम होनी चाहिए।
- आयकरदाता नहीं होना चाहिए।
- NPS, ESI या EPF के तहत कवरेज नहीं होना चाहिए।
- संबंधित श्रमिक के पास वैध श्रमिक कार्ड होना चाहिए।
3. आवेदन कैसे करें?
आवेदन करने के लिए, आपको नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाना होगा। वहां आप योजना से संबंधित आवश्यक दस्तावेज जमा करके आवेदन पत्र भर सकते हैं। आवेदन के पश्चात् आपको एक पावती पर्ची प्राप्त होगी जिसमें आपकी सदस्यता संख्या अंकित होगी।
4. इस योजना में योगदान की राशि कितनी है?
सदस्यों की मासिक सदस्यता राशि 55 रुपये से लेकर 200 रुपये तक होगी। इस राशि का योगदान नियमित रूप से किया जाना होगा।
5. पेंशन कितनी मिलेगी और कब मिलेगी?
60 वर्ष की आयु के बाद, लाभार्थी 3000 रुपये की मासिक पेंशन प्राप्त करने के पात्र होंगे। पेंशन प्राप्ति के दौरान, यदि सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उसके पति/पत्नी को पारिवारिक पेंशन के रूप में पेंशन का 50 प्रतिशत प्राप्त होगा।
6. यदि मैं योगदान नहीं कर पाऊं तो क्या होगा?
यदि आप एक वर्ष तक योगदान नहीं कर पाते हैं, तो आप ब्याज के साथ बकाया राशि का भुगतान करके योजना को जारी रख सकते हैं।
7. योजना से बाहर निकलने की प्रक्रिया क्या है?
योजना में शामिल होने के तीन वर्ष बाद, आप स्वैच्छिक रूप से बाहर निकल सकते हैं। यदि पेंशन शुरू होने से पहले आपकी मृत्यु हो जाती है, तो आपके पति/पत्नी को विकल्प दिया जाएगा कि वे योजना को जारी रखें या राशि वापस लें।
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